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बाबा

Divya Kumari 19 Mar 2024 कविताएँ दुःखद 2294 0 Hindi :: हिंदी

बाबा 
मैं जिनकी बाते कर रही हूँ वो पापा नहीं मेरे पापा के पापा हैं
हम बच्चे उन्हें प्यार से कहते हैं दादा या बाबा
हमें डांटने से पूर्व पापा  भी जिनसे डरते हैं 
डर हो बचेन्नी हो या हो कोई घबराहट सबसे पहले हम उनसे बात करते हैं
हमारे खातिर वो दुनिया में सबसे लड़ जाते हैं
एक दिन आता हैं जब वो हमें अकेला छोड़ सारे रिश्तें तोड चले जाते हैं
जिनके कंधे पर बैठ बैठ हम नदिया पार करते थे
हमें डांटने से पूर्व पापा भी जिनसे डरते हैं 
छोटे से जन्मे बच्चे हो या हो बड़े हम सब उनकी जान होते है
हमारी हर छोटी achievement उनका सम्मान होता हैं
हमें लेकर जाना हो कोई मेला या मानना हो कोई त्योहार
हमें ले जाने को खुशी खुशी हो जाते जो तैयार
हमारे जीवन मे दुख आये उससे पूर्व उसका रास्ता मोर देते हैं
एक दिन आता हैं जब वो मुक्ति के लिए हमें अकेला छोड़ देते  हैं
लाना हो खिलौना या लाना हो किताब
हमें motivate करते जब होता कोई इंतिहां
हमारे लिए वो और उनके लिए हम सबसे होते हैं खाश 
जब वो साथ हो तो बाकी दुनिया का नही रहता ध्यान
घर में सबसे बड़े वो सबके मुखिया होते हैं
उनके लिए हम उनकी हर खुशीयां होते हैं
हमारे लिए जो अपनी हर जिद्ध छोर पाते हैं
फिर हमें अकेला कर यूं क्यु छोड़ जाते हैं

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