MAHESH 30 Mar 2023 गीत प्यार-महोब्बत प्यार-मोहब्बत 9311 0 Hindi :: हिंदी
स्वरचित रचना--- किसी से कोई प्यार नहीं करे....! संदर्भ---प्यार-मोहब्बत दिल देता है रो-रो दुहाई, किसी से कोई प्यार न करे! बड़ी महंगी पड़ेगी जुदाई, किसी से कोई प्यार न करे!-------मूलगीत। स्वरचित अंतराएं-👇 आंखों से बहते, अश्कों के धारे! आहों से उठते, दर्दे ए गुबारे! अब कैसे? जग से छुपाई? किसी से कोई प्यार न करे! रोना-धोना, भूखे सोना! अस्त-व्यस्त जीवन का होना! तारे गिन-गिन रतिया बिताई! किसी से कोई प्यार न करे! उसके तीरे नजर वो नैना! उड़ा ले गए दिल का चैना! "भेजा" हो गया हवा-हवाई! किसी से कोई प्यार न करे! देखूं जिधर वो ही नजर आए! दर्द न उसका भूले भुलाए! कोई असर न करे दवाई! किसी से कोई प्यार न करे! ************************ मूलगीत के प्रतिवाद में हमारी लिखी अंतराए कैसी हैं? Please tell me. ~✍️ महेश