Rupesh Singh Lostom 18 Aug 2023 कविताएँ देश-प्रेम जो वीर थे 11198 0 Hindi :: हिंदी
आओ चलो मिल के करे नमन उन्हें जो वीर थे रणधीर थे माँ के दुलारे धरनी के लाल थे जिन्हे हम भूल गए धरती माँ के सिंगार थे आओ चले लहुं लुहान लथ पथ काया ह्रदय माहा विशाल थे लब्ज थर थर कांप रहे थे मुख पे फिर भी अभिमान थे आओ चले उन्हें नमन करे जो दुश्मनो के लिए काल थे जलिया बाला फिर न हो जाये फिर न बीरांगना जल जाये इस का भी ख्याल रहे आपस का झगड़ा बैर छोडो आओ चले उन्हें नमन करे जो माँ भारती के शान थे बहुत कठिन से पाया हैं हमने आज़ादी के ७७ साल आओ इसे त्यौहार बना दे आओ चले उन्हें नमन करे जो शूरवीर बलिदानी थे जातपात से दूर रहो हम सब भारतवाशी हैं हिन्द हमरा हिंदी हैं हम बस ये ही अपना परिचय दो आओ चले उन्हें नमन करे जो हस हस के सूली चढ़ गए थे जय हिन्द