Shivam 23 May 2023 कविताएँ अन्य 6997 0 Hindi :: हिंदी
जीवन में शिक्षक की भूमिका बहुत अहम है, शिक्षक कर कुछ नहीं सकता यह हमारा वहम है। शिक्षक भक्तों को भगवान से मिला दे , शिक्षक भटके हुए को राह दिखा दे , शिक्षक मन के अंदर प्रेम जगा दें। शिक्षक खुद में ही अनोखा है, पर समझा लोगों ने अब आंखों का धोखा है। शिक्षक का सम्मान करोगे तो अर्जुन जैसे बनोगे, अगर किया गुरुओं का अपमान तुमने तो दुर्योधन जैसे कुत्ते की मौत मरोगे। शिक्षक न हो तो अल्प ज्ञान पर अहंकार आ जाता है, रावण जैसे अपने कुल का स्वम नाश करवाता है, चौसर के खेल में द्रोपति का चीर हरा जाता है, बड़े-बड़े महारथियों को भी वहां कर दिया जाता है। गुरु के ज्ञान से पृथ्वीराज चौहान ने 17 बार मोहम्मद गौरी ठोक दिया, और गुरु के उसी पवित्र ज्ञान से 17 बार मोहम्मद गौरी को जिंदा वापस छोड़ दिया । गुरु के साथ रानी लक्ष्मीबाई लड़ने को जाती , अंग्रेजों को उनके भी उनकी नानी याद दिलाती। गुरु के ज्ञान से परशुराम ने पृथ्वी को 17 बार क्षत्रिय विहिन किया, और गुरू के पवित्र ज्ञान से श्रीराम ने परशुराम का क्रोध शांत किया। अगर शिक्षक समूह अपना कर्तव्य ठीक से निभाएगा , भारतवर्ष में ही नहीं संपूर्ण विश्व में परिवर्तन आएगा । मानव तब जात पात और धर्म को नहीं देखेंगे, तब मानव एकजुट होकर एक नया संसार रचाएंगे, प्रेम, सदभावना इत्यादि सभी विचार ध्यान में आएंगे, तब मानव हर दिन दिवाली मनाएंगे। दुख तो बस नाम के होंगे, खुशियां बेमिशाल होंगी, हर एक का दुख खत्म करने को पूरी दुनिया साथ में होगी। रेप , हत्या और दमन यह भी खत्म हो जाएंगे । रावण, कंश जो बने यहां वो राम,कृष्ण बन जाएंगे। अब यह तुम्हारे ऊपर है तुम राम, कृष्ण,अर्जुन के गुरु का सम्मान, या फिर मरो रावण, कंस, दुर्योधन सा करके गुरुवो का अपमान ।