संदीप कुमार सिंह 11 Nov 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में है।जिसे पढ़ कर पाठक गण काफी लाभांवित होंगे। 4879 0 Hindi :: हिंदी
#विधा:_मुक्तक छंद #मात्रा:_21(08/13 पर यति) #"सृजन समीक्षार्थ प्रस्तुत" कुछ तो उलफत, कर यार मुझ गरीब पर। आ जाओ तुम, जान दिल के करीब पर। फिर तुम गुलशन, और मैं महक बन जाऊं_ जलेंगे लोग, सभी मेरे नसीब पर। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....