संदीप कुमार सिंह 08 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4384 0 Hindi :: हिंदी
(मुक्तक छंद) सारी खुशियां तब मिले, बढ़ते खूब प्रताप। समय बड़ा बलवान है,शुभ शुभ रहिए आप। साथी बनें गरीब का,उनको दें अति प्यार_ चाल चलें यूं नाप कर,बिगड़े कभी न माप। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....