संदीप कुमार सिंह 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता पाठकों को अवश्य ही मन मोहने में कामयाब होगी। 14208 0 Hindi :: हिंदी
उल्फत की वह शाम थीं, रंग भरी मिजाज थी। अपने _ आप में हुस्नों हिजाब थी, चांद को शर्माती, वह हसीना, आलीशान और बेमिसाल थीं। कदमों में इश्के बहार थीं, अदाएं उसमें बेशुमार थीं। नयन जैसे नयन ना होकर, सागर की लिबास थीं। अल्फाज जैसे अमृत रस में घुली, मुर्दों के लिए भी जान थीं। बोलियों में उसके मधुर ताव थीं, मेरे दिलों कि खूवाब थीं।
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....