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कब समझेंगे लोग-बड़ा बुरा यह रोग

संदीप कुमार सिंह 30 May 2023 गीत समाजिक मेरा यह गीत समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगे। 4200 0 Hindi :: हिंदी

बात बात में  रंज है ,कब समझेंगे लोग। 
यह दिक्कत है बेवजह,बड़ा बुरा यह रोग।।

भले सभ्य परेशान हैं, कब समझेंगे लोग।
गन्दा रखे विचार को, करे गलत तब योग।।

कब समझेंगे लोग यह,करें नहीं नुकसान।
बना रखें सब मेल को,करिए अरु अहसान।।

कब समझेंगे लोग सब,समय करें मत व्यर्थ।
पल पल का संचय करें,करिए नहीं अनर्थ।।

कब समझेंगे लोग को,दुनियाँ में सब लोग।
लोग लोग को मार कर,करते हैं सुख भोग।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)
बिहार

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