Prince 07 Jun 2023 शायरी समाजिक Google , हिन्दी साहित्य , समाजिक 7304 2 5 Hindi :: हिंदी
सोच इंसान भले ही नई रखे लेकिन उसके संस्कार हमेशा पुराने ही अच्छे होते है जनाब - और सुनो अहंकार चाहे किसी भी चीज का हो वो आख़िर में सर्वनाश करके ही छोड़ता है..!! अकेले ही खुश रहना सिखो क्योंकि दु:खी करने के लिए तो यहा दुनिया ही काफी है सहाब - और अंत में नवाज देवबंदी की चंद लाइने :- मेरी कमजोरियों पर जब कोई तन्कीद करता है -वो दुश्मन क्यों न हो उससे मुहब्बत और बढती है..! वो है बेवफा तो वफ़ा करो जो असर न हो तो दुआ करो - जिसे चाहो उसको बुरा कहो ये तो दोस्ती के खिलाफ है..!! वो जो मेरे गम में शरीक था जिसे मेरा गम भी अज़ीज़ था - मैं जो खुश हुआ तो पता चला वो मेरी ख़ुशी के खिलाफ है..!!! दोस्तो ! शायरी अच्छी लगे तो शेयर , फॉलो और कमेंट जरुर करें एक शायरी लिखने मे बहुत मेहनत लगती हैं । आपका बहुत आभार होगा । लेखक : प्रिंस ✒️📗
10 months ago
I am a curious person. Focus on improving yourself not 'proving' yourself. I keenly love to write st...