Laxman 30 Mar 2023 कहानियाँ अन्य ऐसे ही 104842 984 5 Hindi :: हिंदी
एक दिन मैं तड़के सो रहा था,तभी एक अन्धी चिडि उडती हूई मेरे कमरे के अन्दर प्रवेश हुई। तब मेरे हृदय में दुख महसूस हुआ मैंने सोचा इस बेचारी ने किसका क्या बिगड़ा जिससे यह इस जन्म अंधी चिड़िया बनी ।ऐसा सोचते हुए मेरे आंखों में पानी आ गया तब मैं खाट से उठा और चिडि के लिए गेहूं के दाने लेकर आया।वह चिडि वही पर बैठी थी मैंने उसके लिए गेहूं के दाने रखें जैसे ही वह बेचारी दाना खाने लगे तभी एक बिल्ली तेज रफ्तार से आई और चिडी को दोबारा दबोच कर ले तेजी से भाग गई तभी मैं भी तेरे से उस बिल्ली के पीछे भागा लेकिन बिल्ली तेजी से उलजे घरों से चिडी को लेकर भाग गई फिर मैं बहुत दुखी हुआ अगर मैंने चिडी को दाने नहीं डालता वह भूखी तो जरूर होती पर जिंदा होती शिक्षा- पुन्य कार्य करते समय स्वयं अटल रहे। लेखक- लक्ष्मण