Sandeep ghoted 11 Jul 2023 कविताएँ समाजिक क्या खूब बनाया है famous poem 6109 1 5 Hindi :: हिंदी
रब ने क्या खूब बनाया है इस सृष्टि को सुबह नित्य जल्दी सब उठते हैं अपने काम को हो रवाना सब ढलते चलते हैं जीने मरने का खेल ये जो खूब रचाया है इसने पिंजर में आत्मा वासे तो शरीर रहा खड़ा नहीं तो माटी है सब आत्मा है तब तक मन जगता है जो दीपक तेल के भांति चलता है दिन ढले तो सारे घर को रवाना बच्चे बूढ़े सब ढले हैं इसमें सब अपने काम को हो रवाना चलते फिरते हैं शाम को पंथी शाम को पक्षी ऊपर जो नीला आसमां नीचे है खेत खलियान यह जीवन जो करुण की अग्नि में जल रहा है
8 months ago
Hi 👋 My name is a Sandeep ghoted I am living in Rajasthan I am becoming of an ias and Ras office...