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मरते बस इंसान हैं

मारूफ आलम 30 Mar 2023 शायरी समाजिक # marte bas insaan hain# banduken# goliyaan # najm#maroof 21186 0 Hindi :: हिंदी

बम नही मरते,तोपें नही मरतीं
गोलियां नही मरतीं,बंदूकें नही मरतीं
मरते बस इंसान हैं
जंग के बाद का नुकसान 
कोई फरिश्ता नही भरता
भरते बस इंसान हैं
गोलियां नही मरतीं बंदूकें नही मरतीं
मरते बस इंसान हैं
खुदा किसी से नफरत नही करता
करते बस इंसान हैं
गोलियां नही मरतीं बंदूकें नही मरतीं
मरते बस इंसान हैं
मरने से कभी कोई मिसाइल नही डरती
डरते बस इंसान हैं
गोलियां नही मरतीं बंदूकें नही मरतीं
मरते बस इंसान हैं
मारूफ आलम

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