Prince 10 Jun 2023 कविताएँ देश-प्रेम #Google #हिन्दी कविता #समाजिक #हिन्दी साहित्य 4148 0 Hindi :: हिंदी
आज आँखों में उमंग उठी, जीवन की रेखा पर छाई जीत। वीर योद्धाओं की वीरता जगी, देश भक्ति की आग दिल में लिट। जंगलों में वीरांगना जगी, उठ खड़ी हर माँ भारती भीत। बांधे हुए कर्मों की पाताल में, थी नई कहानी बनी सीत। स्वतंत्रता की ओर चल रही, धारा तूफानों की जगाए नित। जूझती रही जिन्दगी के संघर्षों में, हर एक सूर्यास्त ने गीत गाए नित। भारत के वीरों ने जब संघर्ष किया, धरती ने उन्हें स्वीकार किया। लोहा मन में उस ने बनाया, भूमि उनकी जीवन भर नमन किया। भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, सुभाष चंद्र बोस, चांद्र शेखर आजाद। इन सभी वीरों ने जो युग बदला, स्वतंत्रता के नाम पर बढ़ाया आद। वतन के लिए जो लड़े माताओं ने, कर्णी पड़ी उनकी अमर कहानी। कुर्बानियों की धरा थी नर्म उनकी, जब जियों में वीरता की थी पानी। आज भी वीरों की आग बाकी है, हमें इनकी आत्मा से प्रेरणा है। भारत के स्वतंत्रता सेनानियों की गाथा, हर दिल में अमर उमंग जगा। राष्ट्रीय आज़ादी के लिए लड़ते, वीरों की वीरता ने देश को भागा। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु, आजादी के स्वप्न सजा रहे थे। देश के लिए अपना जीवन न्यौछावर करके, वीरता की मिसालें पेश किया थे। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस और आजाद नेता। जिन्होंने जोश और अद्भुत संघर्ष किया, वो बने देश की आज़ादी के प्रेरक अद्यतन। सत्याग्रह से जुड़े महान सपूतों ने, अंधकार को दिया ज्ञान का दान। खुद को अपनी आज़ादी के लिए न्यौछावर करके, वे बन गए वीरता के महान निशान। अब भी देश के गर्व से झूम रहे हैं, वीर सेनानियों की अमर कहानी। हमें याद रखना चाहिए उन्हें सदैव, जो दिए थे देश को स्वतंत्रता की ज्वाला में लपटने। भारत की स्वतंत्रता के लिए जो लड़े, वीर सिपाहियों को हम सलाम करते हैं। युद्धभूमि में जहां तपती थी आग, वहां थी स्वतंत्रता की मंजिल की ख्वाहिश। आंदोलनों की लहरों ने मचाया धूम, हर दिल में जगाई देशभक्ति की लागि। सुभाष चंद्र बोस की आवाज़ गूँजी, देश को गगन चढ़ाने का वचन दिया। अंधकार को देश से हटाने की बात कही, आजादी के लिए उन्होंने जीवन न्यौछावर किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने दिया संकल्प, अहिंसा और सत्य का मार्ग बताया। दंगों और बारूद के बदले, अद्वितीय आंदोलन से स्वतंत्रता लाया। राजगुरु ने अपनी माता के लिए किया बलिदान, वीरता की वो मिसाल बन गए। गुलामी और अधिकार में फर्क समझाया, स्वतंत्रता के नाम पर वो जीवन न्यौछावर किया। देशभक्ति की आग में जलते युवाओं ने, खुद को कर दिया अर्पण वीरता के लिए। आज भी उनकी मिट्टी से उठती है ध्वजा, वीर सेनानियों की अमर भूमि के लिए। हमें गर्व है उन सपूतों पर, जिन्होंने बलिदान किया देश के नाम। दोस्तो ! कविता अच्छी लगे तो शेयर , फॉलो और कमेंट जरुर करें एक कविता लिखने मे बहुत मेहनत लगती हैं । आपका बहुत आभार होगा । लेखक : प्रिंस ✒️📗
I am a curious person. Focus on improving yourself not 'proving' yourself. I keenly love to write st...