Preeti singh 24 May 2023 कविताएँ धार्मिक रोज राह देखे गिन के हर पल हर दिन 5266 0 Hindi :: हिंदी
हे प्रभु कभी खुद आना ,इस गरीब की झोपड़ी देख जाना, कितनी उदास है यह तेरे बिन रोज राह देखें ,गिनके हर पल हर दिन।
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