मोती लाल साहु 21 Oct 2023 कविताएँ अन्य धरा में रूप धरा सद्गुरु-भक्तों में करता निराला कई खेल देखा 4722 0 Hindi :: हिंदी
"इंसानों को बटते- ये रंगभेद करते देखा"! "कहते ईश्वर-अल्लाह- भगवान् रूप कई देखा"!! "सो भाषा बीच है- नाम अनेक रूप कई देखा"! "जगत धरा में रूप- है अनेक कई मज़हब देखा"!! "सो परमात्मा नाम- ईश्वरा कभी नयन ना देखा"! "ख़ुद रचा ख़ुदा- ढूंढे रचना करता दुनिया देखा"!! "सद्गुरु ज्ञान द्वारा- संत शिरोमणि ए-भेद देखा"! "धरा-ए-धरा रूप- करता खेल वह निराला देखा"!! "आरखी-पारखी- समझें न भक्त बीच सोहे देखा"! "ख़ुदा रचाई दुनिया- ए-ख़ुदा ख़ुद के अंदर देखा"....!!!! -मोती