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कामना-कामनाओं के हो गए सारे ग़ुलाम

Vipin Bansal 08 May 2023 कविताएँ धार्मिक 8157 0 Hindi :: हिंदी

कविता = ( कामना )

कामनाओं के हो गए सारे ग़ुलाम !
कामनाओं ने ले लिया ग़रज़ का नाम !! 
मन घोड़े पर कामना सवार ! 
मन घोड़े की पकड़ी लगाम !! 
पेट दिया तो होगा इंतज़ाम ! 
कामनाओं की गठरी क्यों ली बाँध !! 
एक ही राह एक मुक़ाम ! 
फैंक यह गठरी भज ले राम !! 
कामनाओं के हो गए सारे ग़ुलाम ! 
कामनाओं ने ले लिया ग़रज़ का नाम !! 

ग़रज़ तो हो जाए सबकी पूरी ! 
कामनाएँ रहती सबकी अधूरी !! 
मर गया शरीर न निकले जान !
कामनाओं में अटके रहते प्राण !! 
कामनाओं की गठरी बोझ अपार ! 
भवसागर कैसे होगा पार !! 
मन घोड़े की छोड़ी लगाम ! 
ग़रज़ तो हो गई यूँही बदनाम !! 
कामनाओं के हो गए सारे ग़ुलाम ! 
कामनाओं ने ले लिया ग़रज़ का नाम !! 

संतोष ही जीवन का आधार ! 
सबरी देहरी आए राम !! 
कामनाओं से छीन लगाम !
मन को कर ले अपना ग़ुलाम !! 
कामनाओं पे पूर्ण विराम !
मन में बसा ले तू सिया राम !! 
सागर में तैरे पाषाण ! 
उन पर लिखा जय श्री राम !! 
कामनाओं के हो गए सारे ग़ुलाम ! 
कामनाओं ने ले लिया ग़रज़ का नाम !! 

              विपिन बंसल

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