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निर्मल चित् बसे भगवाना-धारण कर हंस का सुंदर बाना

मोती लाल साहु 05 Oct 2023 शायरी अन्य निर्मल चित् बसे भगवाना 10234 0 Hindi :: हिंदी

बार-बार जल-
में डुबकी के पश्चात्, 
गांदी वस्तु ही खाता ए-कागा
 
लोग जल स्नान-
को पवित्रता मान निरंतर,
विषयों में बसें जस ए-कागा

यदि कामना हो जीवन में-
कल्याण की काग प्रवृत्ति का, 
त्याग कर चित् निर्मल ए-बंधु

निर्मल चित् बसे- 
ए-भगवाना धारण कर,
हंस का सुंदर बना ए-बंधु....!!!!
-मोती

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