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शिक्षा ज्ञान (शिक्षक दिवस)

संदीप कुमार सिंह 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक आज शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर 39348 2 5 Hindi :: हिंदी

मेरे मन_मन्दिर में बसे हैं,
मेरे शिक्षक, इनको नित्य नमण है।
शिक्षक हैं तो सब कुछ है,
शिक्षक के बिना सब बेकार है।
शिक्षक समाज और देश के उद्धारक हैं,
कर्णधार हैं, शिल्पकार हैं, महान हैं।
ये मां_बाप के भी किरदार हैं,
शिक्षक हम सभी के राहों के प्रकाश हैं।
ये सर्वोपरि और सर्वदा पूज्यनीय हैं,
इनके आदर्श सबों को ललचाते हैं।
ये सोनार और कुम्हार भी हैं,
जो बच्चों को कई रूप में ढालकर,
अलंकार और कलाकार बनाते हैं।
डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की,
जयंती में मेरा ये कविता,
उनको उपहार है, कर्म बोध है।
आज प्रण लेने का भी दिन है,
डा.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के,
 जीवन शैली को हम धारण करें।
और उनके जैसे ही,
मरकर भी हर्षोल्लास,
 से याद किए जाएं।
शिक्षक सबों के हिरदय पटल,
पर विराजित शिल्पकार हैं।
ये सर्वथा आदरणीय और
पूज्यनीय हैं, बारम्बार इनको,
नमण है_नमण है_नमण है।
         चिंटू भैया

Comments & Reviews

Prashant Kumar
Prashant Kumar बहुत सुंदर है सर मेरी मदद कीजिए सर मैं ग़ज़ल टाइप नहीं कर पा रहा हूं

1 year ago

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Prashant Kumar
Prashant Kumar बहुत सुंदर है सर मेरी मदद कीजिए सर मैं ग़ज़ल टाइप नहीं कर पा रहा हूं

1 year ago

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