SANTOSH KUMAR BARGORIA 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक यदि इस दुनियां में हर कुछ यदि मांगने से ही हमें मिल जाती तो इस दुनियां में धर्म की कोई प्रधानता नहीं होती । 41784 0 Hindi :: हिंदी
गर माँगने से सबकुछ, मिल जाती हमें खुदा से । तो इस जहां में कर्म की, कोई प्रधानता ही ना होती ।। मशगूल होते हम सब भी, बस दुवा मांगने में । किसी की कोई अपनी, पेहचान ही ना होती ।। जिंदगी जी रहे होते हम भी, बस कीड़े मकोड़े जैसी । बद से भी बदतर सायद, हालात अपनी होती ।। बिना कर्म और कर्तव्य निष्ठा के, ये जीवन हमारी । बिन पतवार बीच भवर में गोते खाते, नौका सामान जैसी होती ।। 🙏 धन्यवाद 🙏 संतोष कुमार बरगोरिया ------------------------------ (साधारण जनमानस)
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