Danendra 30 Mar 2023 शायरी हास्य-व्यंग महगाई के मार ,ना चेलगी कार 22988 0 Hindi :: हिंदी
महगाई के मार,न गलेगी दाल महगाई के मार,ना चलेगी कार महगाई के मार,ना होगा विकास महगाई के मार,न गलेगी दाल सब्जी,भाजी, दाल,पेट्रोल , गैस, सबका भाव बढ़ी है। आम नागरिक, बेरोजगार,के पारा 140C चढ़ी है कैसे करे,कैसे चलाए, दिनचर्या जीवन पर खर्चों पर काबू तुम क्या जानो, बेरोजगार,किसान,मजदूर, के आत्महत्या करने का वजह नेता वाले बाबू खुद चलना होगा, आसमान की उचाई पर सिफारिशे तो हमे भी करना होगा महगाई के मार को , आधार कार्ड के जोड़ना होगा पेट्रोल की बात ही निराला है, वो अपने आप में बोल बाला है टमाटर लाल से लाल होकर, वृत्त की परिधि ,80डिग्री/ किलो हो रहे भटा कला से काला होकर, तिरछी नजरों एकटक देख रहे, आलू,की बात ही छोड़ो,सभी सभी में मिलावट आने पर भी छोड़ो,मेरे नज़रे मिलाने का अवकात नहीं दाल के चाल को समझाओ कैसे, मै उसका किए रिश्तेदार नहीं प्याज ने सबको रुला डाला,आखिर प्याज ने यूपीएससी परीक्षा पास किया है, फूल गोभी की प्यार में पात्ता गोभी ,भीगी भीगी सड़को में इंतजार है। मिर्ची,धनिया,अदरक,20 के भाव में ,पैदल चल रहे है। महगाई के मार,न बनेगी फिर सरकार महगाई के मार,न लेंगे कार, महगाई के मार ,ना होने देंगे काला बाजार हम लेके रहेंगे अपना अधिकार