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संयम और जीवन

Rambriksh Bahadurpuri 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक #Rambriksh Bahadurpuri #Rambriksh Bahadurpuri kavita #Rambriksh Bahadurpuri Ambedkar Nagar #jeevan per kavita 6837 0 Hindi :: हिंदी

कविता -संयम और जीवन 

जब जीना दुश्वार हो
मुस्किल अपरम्पार हो
पग पग दिखे नही कोई रस्ता
चहु दिश घोर अंधकार हो,
फिर संयम रख लो
धैर्य बांध लो
जिससे जीवन का उद्धार हो। 

अपने पराए या समाज हो
कल परसों या आज हो
उथल पुथल का यह जीवन
या धर्म कर्म या काज हो,
सारे दुःख हट जाते हैं
मुसीबत भी टल जाते हैं
जब संयम का संस्कार हो। 


चलायमान जो नियती है
जिससे चलती धरती है
जाने अंजाने में हमसे
सबसे ही यह कहती है,
जीवन सुखमय हो जाते हैं
मन से दुःख सब खो जाते हैं
संयम का जब  सार हो। 

रचनाकार -रामबृक्ष बहादुरपुरी अम्बेडकरनगर यू पी 


 

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