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दोस्त दोस्त ना रहे

Mk Rana 30 Mar 2023 कहानियाँ अन्य 20591 0 Hindi :: हिंदी

 अब दोस्ती करने में डर सा लगता है, क्यों की दोस्त अब दोस्ती निभाने भूल गए हैं। ना प्रेम दुःख में ना प्रेम सुख में,पता मुझे ये नहीं चलता की गलती मै कर रहा हूं, या ओ ,गलती समय की प्रभाव से हो रहा है। किन्तु मुझे एहसास तब हुआ जब कोई समारोह
घर पर रखा था।
कई दोस्त को निमंत्रण दिया जिसमें बहुत सारे दोस्त आए, और कुछ दोस्त लोगडॉन की वजह से शायद आने में असमर्थ थे। मैं उन्हें दिल से स्वागत किया, शायद कुछ कमी रही होगी मेरे स्वागत में उसे स्वीकार करता हूं।
कुछ दोस्त को बडी पार्टी की मांग थी परंतु हम उसे देने में असमर्थ थे चुकीं मेरा समस्या मेरे दोस्त समझ सकते थे किन्तु समझने की कोशिश नहीं किए ,चलो ये बाद की बात थी।उस समय दोस्त सब एक बार मुझसे यह नहीं पूछा कि क्या तुम्हें कोई चीज की आवश्यकता है कमी है, मैं तुम्हारे साथ हूं। किंतु यह नही कह कर पार्टी लेकर  उपहास उड़ाए, कुछ ऐसे भी थे जो मेरा साथ देने की कोशिश की उसे बहुत बहुत धन्यवाद्।
दोस्ती का मतलब कृष्ण सुदामा होता है पर ,क्या निभाएंगे स्वार्थ लोग है.

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