Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

चोर किसान और जज

मोती लाल साहु 25 Dec 2023 आलेख अन्य भूख मिटाने के लिए अनाज, प्यास मिटाने के लिए पानी, श्वास लेने के लिए हवा जो स्वत: आती-जाती है, प्रकृति ने सहज सुलभ कराई है, हम प्रकृति से हैं प्रकृति के साथ रहना है प्रकृति पर किसी का एकाधिकार नहीं है 3478 0 Hindi :: हिंदी

जज- 
चोरी से, चोरी करते हुए तुम पकड़े गए स्पष्ट करो

चोर- 
हुजूर, गुस्ताखी माफ हो तो एक बात कहूं

जज- 
ठीक है आगे कहो

चोर- 
आप सही को सही और गलत को गलत करते हैं

जज- 
बिल्कुल

चोर- 
फिर इस गुस्ताखी की सजा उचित व्यक्ति को मिले

जज- 
बेशक मिलेगा

चोर- 
जहांपनाह, 
तीन हफ्ते से मैं परिवार सहित जिसमें बच्चे भी हैं भूखे हैं, किसान ने अनाज मांगने पर मना कर दिया इसलिए थोड़ी अनाज उठाई है-अब आपके सामने हूं

जज- 
किसान को हाज़िर करो

किसान- 
जहांपनाह, हाज़िर हूं

जज- 
तुम किसान हो तुम्हारी मेहनत है अच्छी बात है, पर अनाज  प्रकृति का अनुपम उपहार है भूखे को भोजन देना हम सबों का परंम कर्तव्य है

जज- 
चोर को हाज़िर करो

चोर- 
हाजिर हूं सरकार

जज- 
तुमने अनाज मांगी थी-
भूख की वजह से तुमने अनाज उठाई,
भूख,प्यास और हवा जिसे हम सांस लेते हैं,
यह प्राकृतिक रूप से मानव ही नहीं हरेक जीव की जरूरत है, प्रकृति ने इसे मुफ्त में उपहार स्वरूप उपलब्ध कराया  है। अत: हमें हर भूखे,प्यासे को अनाज पानी उपलब्ध कराना हम सबों का परंम कर्तव्य है, हम प्रकृति से हैं प्रकृति के साथ ही रहना है प्रकृति पर किसी का एकाधिकार नहीं है...(समाप्त)
-मोती

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

किसी भी व्यक्ति को जिंदगी में खुशहाल रहना है तो अपनी नजरिया , विचार व्यव्हार को बदलना जरुरी है ! जैसे -धर्य , नजरिया ,सहनशीलता ,ईमानदारी read more >>
Join Us: