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अपनापन

Manisha 30 Mar 2023 शायरी समाजिक रिश्ते, नाते घर, परिवार 5695 0 Hindi :: हिंदी

अपने कभी छूट ना जाए ये डर तो हमेशा लगा रहता है पर जो सच है वो कभी-कभी झूठा सा लगता है ये कैसी दुनिया है जो कभी समझ में नहीं आती अपने अपने से नहीं लगते और पराए कभी कभी अपने लगने लग जाते हैं 

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