मोती लाल साहु 07 Dec 2023 ग़ज़ल समाजिक प्रेम और जीवन की चाह हर किसी को- चाहो जी भर के- जियो जी भर के 7660 0 Hindi :: हिंदी
समझते हैं लोग क्यों- हम अलग हैं आपसे, समझते हैं लोग क्यों... जीवन की चाह दिया- चाहो जी भर के, जियो जी भर के... समझते हैं लोग क्यों- हम अलग हैं आपसे, समझते हैं लोग क्यों... प्रेम की चाह दिया- चाहो जी भर के, जियो जी भर के... समझते हैं लोग क्यों- हम अलग हैं आपसे, समझते हैं लोग क्यों... दिल की गहराई में- सच्चा है दिल... हर किसी का... चाहो जी भर के... जिया जी भर के... समझते हैं लोग क्यों- हम अलग हैं आपसे, समझते हैं लोग क्यों....!!!! -मोती