Himanshu maurya 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य गांव से शहर 76864 0 Hindi :: हिंदी
हैं मानव तुम शहर जाकर गांव को कैसे भुल गए तुम भुल गए वो वन और जंगल जहां पर तुम खेलते थे है मानव तुम भुल गए गांव की प्यारी मिट्टी को हैं मानव तुम गांव के सारे रस्ते भूल गए तुमने शहर जाकर खुद को जब बड़ा ही मान लिया तो हे मानव सब भुल जाना लेकिन गांव की रीति को न भुल जाना है मानव तुम शहर जाकर गांव को कैसे भुल गए