Samar Singh 13 Jun 2023 गीत समाजिक मंजिल पाने के लिए जिद हो तो उजाला एक न एक दिन जरूर नजर आयेगा। 6484 1 5 Hindi :: हिंदी
हर ओर दिवाली है, जगमग दीप जलते हैं जाने कितने सबके, रह - रह के सपने पलते है। शमां जल बुझ रहे रहे, ख्वाब न बुझ पाया। दीपक दिल का जलता है, उम्मीद का दामन नहीं टूट पाया।। कितने परवाने मंजिल की चाहत में, दम तोड़ गए उजाले में। ऐ! मुसाफिर चलता रह अपने मकसद में, तू डूब नहीं सकता इस गम के प्याले में।। मौसम निराला चारों ओर हरियाली है, जगमग दीप जलते है, हर ओर दिवाली है।। रचनाकार - समर सिंह " समीर G "
10 months ago