मोती लाल साहु 21 May 2023 कविताएँ समाजिक प्रेम की जुबान में- तू मैं और हया- नहीं होती, जहां भी वह होती है- सिर्फ एहसास में होती है। 6437 0 Hindi :: हिंदी
प्रेम की जुबान में- तू मैं और हया नहीं होती होती जहां भी- वह सिर्फ एहसास में होती -मोती
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