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कश्मीरी फाइल्स

Vipin Bansal 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम 7947 0 Hindi :: हिंदी

कविता = ( कश्मीरी फाइल्स )

जर्रा - जर्रा जर्जर हुआ !
जर्रा - जर्रा छलनी !!
जर्रा - जर्रा सुलग रहा !
जर्रा - जर्रा ज़ख़्मी !!
शाख़ - शाख़ से पात झरे !
सूख गई हर शाख़ !!
पतझर की बात अलग है !
दिन में ढल गई रात !!
चीखें घर में घुटकर मरी !
मौन हुई फ़रियाद !!
इस केसर की क्यारी में !
किसने लगा दी आग !!
जर्रा - जर्रा जर्जर हुआ !
जर्रा - जर्रा छलनी !!
जर्रा - जर्रा सुलग रहा !
जर्रा - जर्रा ज़ख़्मी !!

मज़हबी चक्रव्यूह का ताना - बाना !
जन्नत को जहन्नुम बना डाला !!
पंडितों के घर लग गया ताला !
घर से भी बेघर कर डाला !!
मुँह का छीना उनके निवाला !
मातृभूमि से उन्हें निकाला !!
दम तोड़कर रह गई !
हर उठी आवाज़ !!
गैरों से हम जीत गए !
अपनों ने दे दी मात !!
जाल बिछाए बैठे !
देखो यह सैयाद !!
इस केसर की क्यारी में !
किसने लगा दी आग !!
जर्रा - जर्रा जर्जर हुआ !
जर्रा - जर्रा छलनी !!
जर्रा - जर्रा सुलग रहा !
जर्रा - जर्रा ज़ख़्मी !!

सच दिखाने का किसी ने !
जब किया साहस !!
क्यों कश्मीरी फाइल्स पर !
उठने लगी आवाज़ !!
ज़ख़्म न दिए उनके दिखाई !
कितनी ही सरकारें आई !!
लहू जो सड़‌कों पर बह रहा !
होगा कब हिसाब !!
धारा 370 हटाकर !
जब किया उन पर वार !!
घड़ियाली आंसू रो रहे !
देखो अब सैयाद !!
इस केसर की क्यारी में !
किसने लगा दी आग !!
जरा - जर्रा जर्जर हुआ !
जर्रा - जर्रा छलनी !!
जर्रा - जर्रा सुलग रहा !
जर्रा - जर्रा ज़ख़्मी !!

कठपुतलियों का देखो !
खूब सजा बाज़ार !!
कठपुतलियों के हाथों की !
कठपुतली थी सरकार !!
धारा 370 हटाकर !
नहीं हुआ महापाप !!
घर में घुसकर बैठे थे !
आस्तीन के सांप !!
घर में घुसकर जब हमने मारा !
इनका मुँह जब हो गया काला !!
अधिकार हनन की इनको देखो !
अब आई है याद !!
विश्व मंच पर कर रहे !
देखो अब फ़रियाद !!
इस केसर की क्यारी में !
किसने लगा दी आग !!
जर्रा - जर्रा जर्जर हुआ !
जर्रा - जर्रा छलनी !!
जर्रा - जर्रा सुलग रहा !
जर्रा - जर्रा ज़ख़्मी !!

विपिन बंसल

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