Rupesh Singh Lostom 24 May 2023 शायरी दुःखद बही बैठा हूँ 6025 0 Hindi :: हिंदी
क्या शातिराना जबाब तेरा बेवफाई को हालत बना दिया मैं आज भी बही बैठा हूँ काश मिल जाये फिर से साथ तेरा नदिया तो बहती बहती रहेगी आँखों का क्या कसूर मेरा जो तू छोड़ गया रोता विलखता बस लौटा दो वो अधूरा प्यास मेरा वो तारे हस्ते हैं मुझे पे चिढ़ाता हैं कलमुहा रात रुलाता है आज भी मुझे तेरी उलूल जुलूल सवाल बस लौटा दो ना जो यादें हैं मेरी तेरे पास