Maushami 12 May 2023 कविताएँ अन्य लक्ष्य साधो, हिम्मत बंधो।सभी पाठकों को समर्पित। 4908 0 Hindi :: हिंदी
लक्ष्य की ओर बढ़ते चलो, जीत की तरफ हमेशा हरदम ढलो। अर्जुन की तरह साधना करो, शिष्य बनो गुरु के प्यारो। इकलौव्य की तरह संघर्ष करो, मंजिल तक हर संकट सहें नहीं हारो। अपना लक्ष्य स्पष्ट करो, संकल्प से उसके पीछे भागो। जीवन में जो भी कष्ट आये, चाहे संकट तुम्हें झुकाए। हिम्मत रखो , न डरो अभी, कमजोर नहीं दिखना तुम कभी। अपने लक्ष्य से हमेशा जुड़े रहो, नित धारा के विपरीत बहो। खुशियों की मंजिल पाओ, सफलता के खेल में जीत जाओ।