राकेश 11 Aug 2023 कविताएँ समाजिक तराजू, इंसाफ का तराज़ू 6013 0 Hindi :: हिंदी
सबको तोला तराजू में, जिससे कि दुख संकट रहे काबू में, धोखाधड़ी से बचने का जादू है तराजू में। तो खुद को क्यों नहीं तोला तराजू में, सब तोले अपने को इंसाफ के तराजू में, तो किसी को जरूरत नहीं होगी तोलने की तराजू में।