राकेश 29 Nov 2023 कविताएँ अन्य सुकून 9203 1 5 Hindi :: हिंदी
सुकून नहीं मिलता, जब मनुष्य अपनी गलतियों से सबक नहीं लेता।। हमें जो देखकर जीता उसको तड़पाने पर अपना सुकून खोता।। बच्चों को भूख से तड़पता देख दुष्ट मनुष्य को भी सुकून नहीं दे सकता।। किसी को दुख नहीं, बस सुख देने पर स्वयं को अत्यधिक सुकून मिलता।। सुकून पाने के लिए मनुष्य कुकर्म करने से भी नहीं डरता यह क्यों नहीं समझता पगले सुकून सत्कर्म से मिलता।। सत्कर्म से हमेशा हानि नहीं शुभ लाभ मिलता।।