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सुख-दुख दो साथी- चले-चल वीर मंज़िल को

मोती लाल साहु 18 Oct 2023 शायरी अन्य चले-चल वीर मंज़िल को 16297 0 Hindi :: हिंदी

"कभी लगती-
कांटों की सेज ज़िंदगी"!

"कभी लगती- 
बहार-ए-जन्नत ज़िंदगी"!

"सुख-दुख-
दो साथी चलते ज़िंदगी में"!!

"चले-चल-
वीर मंज़िल को ज़िंदगी में"!!!!
-मोती

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