संदीप कुमार सिंह 08 May 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5050 0 Hindi :: हिंदी
अच्छा करना सोच है,मन में है तूफान। विपदा का कर सामना,फलप्रद किया जुबान।। मन में है तूफान रब, दे दे दृढ़ वरदान। खुशियां भरूं समाज में, घर घर में हो ज्ञान।। मन में है तूफान जब,कदम कदम में जोश। सभी बुराई खत्म कर,धन से भर दूं कोश।। मन में है तूफान बम,लूंगा सभी कमान। नव्य सृजन ही मैं करूं, रहे सदा ही शान।। मन में तूफान भर,आगे बढ़ना काम। फर्ज नहीं मैं भूलता, मन में बसते राम।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....