संदीप कुमार सिंह 16 May 2023 गीत धार्मिक मेरा यह गीत समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 9541 0 Hindi :: हिंदी
मीरा की प्रभु प्रीत पर, दुनिया को है नाज। महल छोड़ बन साधवी,पहनी सेवा ताज। नाम जपे जग आज तक,अमर रहे यह भक्त_ मीरा जैसी भक्त बन,जीवन का रख लाज। मीरा मीरा सब जपे, मीरा को कर याद। प्रीत भगवान से लगा, कर ले कुछ फरियाद। प्रेम भाव के फूल बन, जीवन सौरभ कांत_ उलफत करुणा बांटते,सुन्दर कर संवाद। संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....