“टुट चुका हूं अब बिखरना बाकी है
बचे कुछ उम्मीद उनका आना बाकी है
कुछ दूरी है उनका आना बाकी
मौत रोज मेरे सिरहाने खड़ी होकर ज़िद करती है ।
भाई शिवा आ जा अब क्या देखना बाकी है।
शिवा पटोरी
समस्तीपुर बिहार
“टुट चुका हूं अब बिखरना बाकी है
बचे कुछ उम्मीद उनका आना बाकी है
कुछ दूरी है उनका आना बाकी
मौत रोज मेरे सिरहाने खड़ी होकर ज़िद करती है ।
भाई शिवा आ जा अब क्या देखना बाकी है।
शिवा पटोरी
समस्तीपुर बिहार