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जिनके सुन्दर आचरण-दे निराश को आस

संदीप कुमार सिंह 01 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें । 3994 0 Hindi :: हिंदी

कुंडलिया छंद
जिनके सुन्दर आचरण,दे निराश को आस।
दग्ध हृदय को दे सदा,एक सुखद अहसास।।
एक सुखद अहसास,गुणों को  करते आगे। 
शक्ति करे संचार,कष्ट रहते सब भागे।।
होता जगमग नाम,प्राण सुन्दर हो इनके।
करते रहते धर्म,मधुर बोली हो जिनके।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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