Ranjana sharma 17 Mar 2024 ग़ज़ल दुःखद इश्क में कितना दर्द होता है सनम#Google# 3153 0 Hindi :: हिंदी
तुझसे जुदा होकर जाना इश्क में कितना दर्द होता है सनम तेरी मौजूदगी एहसास ना दिलाया मुझे भी इश्क द रोग हो सकता है सनम हंसते थें हम उनलोगो पर जो इश्क कर दर्द सहते थें सनम बिछड़ने पर आंसुओं के समंदर में खुद को डुबो देते थें सनम अब तो एक पल भी एक साल जैसा लगता है सनम दिन रात काटना मुश्किल होता है सनम अब तो मेरी हालत उनलोगो जैसी हो गई है सनम बावरी बनी फिरती हूं मैं आंखे तुझे ही तलाशती है सनम कभी घड़ी को कभी राह पर नजर रहती है सनम आखिर तूने मेरे ह्रदय में प्रेम का दीया जला दिया सनम अब इसकी लौ तुझे ही संभालना है सनम तेरे इश्क में लोक लाज सब भूली सनम दिल का डोर तेरे ही डोर से बांधी सनम अब ए डोर कभी टूटे ना इसकी इफाजत तेरे हाथ में है सनम धन्यवाद🙏