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समाज और मनुष्य

संदीप कुमार सिंह 23 Nov 2023 आलेख समाजिक मेरा यह आलेख समाज हित में है।जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभांवित होंगें। 8640 0 Hindi :: हिंदी

समाज मनुष्य को समाज के उपयोग में आने के लिए शिक्षित करता है। कोई भी समाज किसी भी मनुष्य की आत्मिक विकास की चिंता नहीं करता है, यह विकास प्रत्येक मनुष्य को स्वयं ही करना पड़ता है। तथा इसका समाज मैं कोई धनोपार्जन आदि में उपयोग नहीं है, किसी भी मनुष्य की मानसिकता में यदि विकास होता है तो वह किसी मशीन का समात्र नहीं रह जाता उसके अंदर स्वतंत्र निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है।

 तथा वह गलत और सही का स्वयं निर्णय कर सकता है, समाज अंधे अनुयाई चाहता है जो बगैर कोई अपना मत रखें समाज के नियमों का पालन करते रहे स्वतंत्र व्यक्ति गलत परंपराओं धारणाओं तथा नैतिकता अनैतिकता से बहुत दूर होता है। अतः समाज उसको बर्दाश्त नहीं कर सकता मानसिक रूप से परिपक्व व्यक्ति समाज के कथित ठेकेदारों बुद्धिजीवियों धर्मगुरु तथा नेता के जाल को काटकर दूसरे लोगों को भी मुक्त करता है।

 
1. शिक्षा: शिक्षा एक ऐसी साधन है जो समाज में समावेशी विकास को प्रोत्साहित करती है। आर्थिक रूप से कमजोर और असहाय लोगों को मुफ्त शिक्षा की सुविधा देनी चाहिए।

2. समाज संगठन: समाज संगठनों को समावेशी विकास को बढ़ावा देने में मदद करने की जरूरत होती है। इन संगठनों को असहाय लोगों की मदद करने और उन्हें सक्षम बनाने के लिए समाज के सभी वर्गों को सम्मिलित करना चाहिए।

3. रोजगार: रोजगार की उपलब्धता को बढ़ाने से असहाय लोगों को आर्थिक सहायता मिल सकती है। समाज को असहाय लोगों के लिए नौकरी के अवसरों को बढ़ाने के लिए समाज के सभी वर्गों की मदद की जरूरत होती है।

4. संस्कृति और भाषा: संघर्ष के बाद के समाज में लोगों के बीच संस्कृति और भाषा का महत्व बढ़ जाता है। समाज को समानता और समावेशीता को बढ़ाना चाहिए।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह ✍️
जिला:-समस्तीपुर(देवङा)बिहार

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