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ओ प्यारी शाम

Laxmi nishad 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य ओ प्यारी शाम 55286 0 Hindi :: हिंदी

ओ प्यारी शाम
जब तुमसे मैंं मिलता 
मिल जाता मुझे आराम ।
  
   गिले- शिकवे सारे मै बांटता तुमसे
             तु सुनती इन्हें जैसे
अफसाने हो ऐ तेरे भी दिल के।

जो तू न होती तो मेरे से
 ऐ गमो का बोझ उठाएं न उठता

 जो तू हैं तो
 मेरी उदासी में मेरेे संग होकर
 मेरे रंग हीन जीवन को, रंगीन बना जाती हैं

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