आकाश अगम 30 Mar 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत #ग़ज़ल #Ghazal #zakhma ko aane do #poetry #kvita #आकाश अगम #Akash Agam 52858 0 Hindi :: हिंदी
नए उस ज़ख़्म को आने दो, वो मेरा दिवाना है उसे मेरे पुराने ज़ख़्म पर मरहम लगाना है।। ये टुकड़े देख कर जानाँ , न उलझो तुम सवालों में मेरी तस्वीर से पत्थर का इक रिश्ता पुराना है।। मुझे दिल से निकालो मत , ज़रा इक बार तो सोचो कहाँ मैं जाऊँगा जानाँ , कहाँ मेरा ठिकाना है।। पिता नन्हीं परी को मार देता कोख में , कह कर अगर तुम रुक भी जाओगी, तो दो दिन बाद जाना है।। फसल मैं बेच आया आज मुश्किल से हुआ इतवार मग़र कल से हमें हर रोज़ फिर जलसा मनाना है।। मैं तुमसे बाद में मिलता हूँ जानाँ , काम है थोड़ा दरअसल आज अपने ख़्वाबों की अर्थी उठाना है।। मैं मतलब क्या निकालूँगा , तुम्हें मतलब है क्या इससे तुम्हें बस देख मुझको दाँत से उँगली दबाना है।। 'अगम' कुछ शेर कहना चाहते हो तो अकेले में कलम की नोक को ज़ख़्मों के अंदर तक घुसाना है।।