Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

श्री गणेश जी की कहानी

Uma mittal 30 Mar 2023 कहानियाँ धार्मिक सच्ची कहानी , एक भक्ति ऐसी भी 29933 0 Hindi :: हिंदी

पंडाल भगतो से भरा था | जगह जगह श्री गणेश जी की प्रतिमा रख कर लोग पूजा कर रहे थे भला रिद्धि सीधी शुभ लाभ किसे नहीं चाहिए | बुधई राम भी पहली बार छोटी सी गणेश जी की प्रतिमा ले आया ,उसने भाग भाग के चंदा इक्ठा किया और पंडाल सजाया | लोगो ने मना किया कि “बुद्धु यह तेरे बस का नहीं है “, दरअसल जब से उसके भाई ने उसके भोलेपन के कारण उसे घर से निकाल दिया था तब से उसे सभी बुद्धु ही कहते थे | खैर बड़े उत्साह के साथ पूजा गणेश जी की होती रही | विसर्जन के एक दिन पहले ही आधी रात को भारी वर्षा होने लगी ,ओले भी पड़ने लगे | बुधई ने देखा कि उसने पंडाल तिरपाल से तो ढका ही नहीं ,अगर प्रतिमा गिर गयी तो क्या होगा | वह जल्दी से जाकर गणेश जी को पकड़ कर खड़ा हो गया | थोड़ी देर में ही उसके घुटनो तक पानी भर गया | शुक्र है, प्रतिमा का स्टेज उचाई पर था ,लाइट भी चली गयी ,बस हलकी रौशनी कभी कभी बिजली कड़कने कि होती जिस से वह अपने भगवान को देख लेता कि सब ठीक है | चार पांच घंटे के बाद बारिश रुक गयी | सवेरा हो गया था , भगत आ चुके थे | लोग उसकी बेवकूफी पर हंस रहे थे | शाम को विसर्जन की तैयारी शुरू हुई | लोग नाच गा रहे थे , अबीर, गुलाल, प्रशाद बाटा जा रहा था | आगे आगे बैंड बाजा ,पीछे गाड़ी में गणेश जी जा रहे थे पर बुधई बार बार भगवान से अपने तिरपाल न लगाने के लिए माफ़ी मांगता रहा | बार बार भगवान शिव और माता पार्वती से भी अपनी भूल के लिए पश्चाताप करता रहा और कहता रहा कि “हे गोरी शिव जी अपने लाल को लेने आ जाना और अगले बरस फिर से अपने लाल को भेजना ,अगली बार मैं तिरपाल जरूर लगाऊंगा” | उसकी नम आँखों को जैसे श्री गणेश जी देख रहे हो वह विनती करता रहा |बुधई विसर्जन के बाद भी काफी उदास था | रात में उसे नींद नहीं आयी |सवेरे अगले दिन वह सारी सजावट उतरवा रहा था तभी अख़बार वाले आये और बोले बुधई तेरी लाटरी निकल आयी है पचास लाख की | बुधई ख़ुशी से रो पड़ा और उसके मुंह से निकला गणपति बापा मोरया अगले बरस फिर जल्दी आना जी |
 उमा मित्तल
राजपुरा (पंजाब)


Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

लड़का: शुक्र है भगवान का इस दिन का तो मे कब से इंतजार कर रहा था। लड़की : तो अब मे जाऊ? लड़का : नही बिल्कुल नही। लड़की : क्या तुम मुझस read more >>
Join Us: