Poonam Mishra 22 Aug 2023 ग़ज़ल समाजिक कितनी बातें रोज कहूं 23574 0 Hindi :: हिंदी
दिल ही दिल में घुटती हूं कितनी बातें और कहूं ? न जाने? कितने किरदारों के साथ में जीती हूं . अब न जाने क्यों? दिल यह कहता है कैसे मैं ? इन सब किरदारों के साथ रहूं सुन ले !ओ चांद की चांदनी क्यों? ना मैं तेरे साथ रहूं . न जाने क्यों? लोग मुझे धमकाते हैं । जब मैं अपने दिल की सच्ची बात कहूं ! दिल कहता है कब तक चुप रहूं! क्यों न ? अब मैं सारी बात कहूं