वंदना स्तुति 12 Apr 2023 कविताएँ दुःखद आत्मकथा 9559 1 5 Hindi :: हिंदी
हे विधाता ! ए तेरी मेहरबानी है,🙏 तूने अधूरी लिखी जो मेरी कहानी है । 🖋️.... तारीफ ए लब्ज़ यूं कुछ खास कही जाती हुं, कोई रंगीन सावन नही, पतझड़ का अहसास कही जाती हुं । हर रोज मेरा अपना कोई मुझे तानों की सुई चुभोता है, तेरी कसम ये विधाता..अंधेरी रातों में ये दिल तड़प तड़प के रोता है ।😪 तूने कैसी की ये मन मानी है, हे विधाता! ए तेरी मेहरबानी है ।🙏 मेरी मुस्कुराहट के पीछे की पीड़ा को कोई न जान सका, अपने स्वार्थ के आगे ये जमाना मेरी आशाओं को ना पहचान सका । बिलख बिलख के सूख गया,मेरी आंखों का पानी है । हे विधाता ! ये भी तेरी मेहरबानी है ।🙏 रचनाकार 🖋️...वंदना स्तुति
1 year ago