Gayatri yadav 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद ईशवर को अपनी सच्चाई ओर ले जा रहे हैं| 8214 0 Hindi :: हिंदी
मेरी गलीयों से गुजरी हवायें काली मेंघन बरसे भिंगे फिजाऐ कहते है, बन्दे सभी पंख मिले तो उड़ चले हम आसमान की ऊंचाई में, ईरादे टूटी हुई बिखरी है जमीन पर, इन अंधेरो में भी है, फरीसते तेरे सुकुन की शाम सफर में है, कहीं गुम-सी अंघेरी राहो में रास्ता तेरा, रोशनी में है, जिंदगी मेरी कहीं तेरी इबादत करू नींद मेरी खोई हैं, खोई है, हर एक मंजील मेरी