Rambriksh Bahadurpuri 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक #kavita rambriksh#Ambedkar Nagar poetry#kala per kavita#kala kavita Rambriksh 52118 0 Hindi :: हिंदी
कविता-कला सीख लो जीवन में यारो, जीवन जीने की कला आसान कर लो ज़िन्दगी,को छोड़ कर सारी बला। ये रहस्यमय है जिंदगी ना राज जाना है कोई हम चुनेंगे मार्ग कैसा?,कैसा होगा हौसला। क्या पता हम क्यों काले हैं क्या पता गोरे हैं क्यों? क्या पता है जिंदगी में किसको मिलती करबला। जीवन मुत्यु मिल गया है, अब जिंदगी पूरा पड़ा जी लो अपनी जिंदगी,टाल के सारी बला। मोल क्या है जिंदगी का,अमूल या अनमोल है छांट कर पहचान कर लो,कौन लेके क्या चला। राम रावण कृष्ण कंस, गोडसे गांधी की अंश राशि एक हो भले, जीवन में किसको क्या मिला! गुनगुनाना भुनभुनाना है हाथ में तेरे भला सीख लो जीवन में यारो, जीवन जीने की कला। सात वारो में जिया तू, मरना भी इन वारो में फिर क्यूं तू- तू मैं- मैं करता, स्वार्थ में चलता ढला। जिंदा दिल है जिंदगी, है हार जीत भी जिंदगी है कैसा! बंदा खुदा का,जो जीवन जीता न चला। रचनाकार- रामवृक्ष,अम्बेडकरनगर
I am Rambriksh Bahadurpuri,from Ambedkar Nagar UP I am a teacher I like to write poem and I wrote ma...