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कोई लहरों के संग बह जाता है -किनारों पर खड़ा रह जाता है कोई

Samar Singh 17 Sep 2023 गीत दुःखद पुरानी यादें ज्यादातर दर्द ही देती है. 6098 0 Hindi :: हिंदी

कोई आगे बढ़ जाता है, 
कोई पीछे रह जाता है l
किनारों पर खड़ा रह जाता है कोई, 
कोई लहरों के संग बह जाता है l

एक आहट सी, यादों की सरसराहट सी, 
दिल में जाने क्या चुभता है 
होती है कसमसाहट सी, l
कोई चुप रह कर भी खामोशी में, 
जाने क्या - क्या कह जाता है l

कह न पाऊँ किसी से, 
यादों की ये धारा l
कर जाती है बेसहारा, 
बहा के ले जायेगी कहाँ, 
मिलेगा कभी क्या किनारा, l
सपनों का घरौंदा बनता है, ढह जाता है l
किनारों पर खड़ा रह जाता है कोई, 
कोई लहरों के संग बह जाता है ll

रचनाकार- समर सिंह " समीर G"

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