संदीप कुमार सिंह 05 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4044 0 Hindi :: हिंदी
(दोहा छंद) दुर्गम करतब मैं करूं,बालाजी हैं साथ। करते संकट दूर सब,रखकर सिर पर हाथ।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....