Ashok prihar 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद Google,Anya Sabhi Social media per 7445 0 Hindi :: हिंदी
काऊ कोऊ प्रियतमा से तौऊ बिन जिव नौऊ भय! लागु मन ताऊ से जिव अब काऊ भय!! मझताऊ थाऊ से मै तौउ न पेऊ! आवु मै घिरी-घिरी जाऊ न पेऊ!! अर्थ:- कहने का स्पष्ट भाव यह है कि मेरी प्रियतमा से कैसे बताऊं कि मैं उसे कितना प्यार करता हूं और उसके बगैर मेरा मन और कहीं भी नहीं लगता! संसार का सारा सुख मुझे आप में दिखता है अर्थात मेरे परिवार मे माता-पिता भाई-बहन के बाद आप मेरा प्यार हो! संसार का हर राग बेसुरा और संसार का हर सुख मुझे दुख: के भाती आभास होता है बार-बार मैं तेरा चेहरा देखने और तेरे आस पास फिरता हूं मगर मैं आपको कुछ कहता नहीं!